रायपुर, 21 सितम्बर 2025/ ETrendingIndia / Amrit Sarovar has transformed Aklasrai village: a story of greenery and self-reliance, as told by villagers / अमृत सरोवर अकलासरई गाँव , कोरिया जिले का अकलासरई गाँव मिशन अमृत सरोवर योजना के तहत आज प्रगति और आत्मनिर्भरता की अनूठी मिसाल बनकर उभरा है।
जहाँ कभी खेत सूख जाते थे और तालाब गर्मी आते-आते तालाब खाली हो जाता था, आज वही तालाब गाँव की खुशहाली का नया आधार बन चुका है।
गाँव का पुराना बंधवागढ़ा तालाब वर्षों से गाद से भरकर बेकार हो चुका था। न तो सिंचाई हो पाती थी और न निस्तार के लिए पानी बचता था। मनरेगा योजना से लगभग 10 लाख रुपये खर्च कर तालाब का जीर्णाेद्धार और गहरीकरण किया गया, जिससे अब तालाब में पानी ठहर रहा है।
किसानों का कहना है कि अब एक ही तालाब ने उनकी फसलों की किस्मत बदल दी। पहले केवल खरीफ की बोवाई होती थी, अब रबी की फसल भी बोई जा रही है।

लगभग 15 एकड़ से अधिक खेत इस तालाब से सिंचित हो रहे हैं। किसान कुलदीप ने बताया कि “अब सूखे खेतों की जगह हरियाली दिखती है और खेती से आमदनी दोगुनी हो रही है।”
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की प्राथमिकता हमेशा से महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर रही है। गाँव की महिलाओं के लिए भी यह तालाब वरदान साबित हुआ है। तालाब को माँ नर्मदा स्व-सहायता समूह को मछली पालन के लिए लीज पर दिया गया।
समूह की अध्यक्ष बसंती देवी बताती हैं कि पिछले साल उन्होंने 45 हज़ार रुपये की कमाई की और इस साल 5 से 8 क्विंटल मछली मिलने की उम्मीद है।
यह आमदनी महिलाओं को बच्चों की शिक्षा, घर-परिवार और अपने सपनों को पूरा करने की शक्ति दे रही है।
अब इस सरोवर का पानी
केवल स्रोत नहीं है, बल्कि गाँव की समृद्धि, आत्मनिर्भरता और सामुदायिक शक्ति का प्रतीक बन चुका है।
सरकार का यह प्रयास विकास केवल शहरों तक नहीं, बल्कि हर गांव, पंचायत, हर खेत और हर किसान तक पहुँचाना है।