Raipur / ETrendingIndia / reincarnation of the Dalai Lama: Religious assembly of religious leaders/ तिब्बती बौद्ध धर्म के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की 90वीं जयंती (6 जुलाई) से पहले उनके पुनर्जन्म से जुड़ी उलझनों पर विचार करने हेतु एक महत्वपूर्ण धर्मसभा का आयोजन 2 से 4 जुलाई के बीच होने जा रहा है।

इस बैठक में तिब्बती बौद्ध धर्म के चारों प्रमुख संप्रदायों , निंगमा, साक्या, काग्यु और गेलुग के वरिष्ठ धर्मगुरु और विद्वान भाग लेंगे।

बैठक का मुख्य उद्देश्य दलाई लामा के अगले अवतार या पुनर्जन्म से संबंधित परंपरागत प्रक्रियाओं को स्पष्ट करना और भविष्य में उत्पन्न होने वाली राजनीतिक व धार्मिक जटिलताओं का समाधान खोजना है।

इस विषय को लेकर बीते वर्षों में चीन और तिब्बती समुदाय के बीच मतभेद गहराते रहे हैं, क्योंकि चीन भी दलाई लामा के पुनर्जन्म पर नियंत्रण की मंशा जता चुका है।

धर्मसभा के आयोजक मंडल ने बताया कि यह बैठक पूरी तरह से धार्मिक, सांस्कृतिक और तिब्बती परंपराओं के अनुरूप होगी और इसमें कोई भी राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होगा।

यह भी संभावना जताई जा रही है कि इस धर्मसभा के दौरान दलाई लामा स्वयं कोई मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं या अगले अवतार से जुड़ा संकेत दे सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह सभा न केवल बौद्ध अनुयायियों के लिए ऐतिहासिक होगी, बल्कि तिब्बत के भविष्य और उसकी धार्मिक अस्मिता के लिए भी निर्णायक सिद्ध हो सकती है।

यह देखना रोचक होगा कि धर्मगुरु इस संवेदनशील मुद्दे पर किस दिशा में मार्गदर्शन देते हैं।