रायपुर,13 दिसम्बर 2025/ ETrendingIndia / Makhana cultivation started in Dandesara of Dhamtari, the geographical and climatic conditions of Chhattisgarh are suitable for Makhana production/ धमतरी में मखाना खेती , छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में ग्रामीण आजीविका को सुदृढ़ बनाने एवं महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित ग्राम डांडेसरा के छोटी -छोटी डबरियों में मखाना पौधरोपण की औपचारिक शुरुआत स्व- सहायता समूह शैलपुत्री एवं नई किरण की महिलाओं द्वारा की गई।
नई फसल की शुरुआत से क्षेत्र में उत्साह एवं उत्सुकता का वातावरण देखने को मिला है। महिला समूहों को पूर्व में मखाना उत्पादन, प्रबंधन एवं हार्वेस्टिंग का तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया गया था।
कलेक्टर अबिनाश मिश्रा आज डांडेसरा पहुंचे और महिला समूहों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने नई खेती की शुरुआत पर बधाई देते हुए कहा कि मखाना इस क्षेत्र की भौगोलिक एवं जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप बेहद उपयुक्त फसल है।
कलेक्टर ने बताया कि मखाना की खेती हेतु दो से तीन फीट पानी पर्याप्त है। फसल छ: माह में तैयार हो जाती है। यह धान की तुलना में अधिक लाभकारी है।
मखाना न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अत्यंत पोषक है, जिसमें विटामिन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन एवं जिंक प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
कलेक्टर मिश्रा ने कहा कि धमतरी में मखाना की आधुनिक खेती किसानों तथा महिला स्व-सहायता समूहों के लिए आय बढ़ाने का नया मार्ग बनेगी। प्रशासन का लक्ष्य है कि मखाना को धान के बेहतर विकल्प के रूप में बड़े पैमाने पर अपनाया जाए। उन्होंने तालाबों को मखाना खेती के अनुकूल बनाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हाल ही में आयोजित धमतरी कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा छत्तीसगढ़ को मखाना बोर्ड में शामिल करने की घोषणा की गई थी, जिससे राज्य में मखाना उत्पादन को राष्ट्रीय स्तर का सहयोग प्राप्त होगा।
इसके पूर्व जिले के कुरूद विकासखंड के ग्राम राखी, दरगहन एवं सरसोंपुरी को मखाना खेती के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित किया गया है। इन गांवों में मखाना उत्पादन प्रगति पर है तथा फसल की हार्वेस्टिंग भी प्रारंभ हो चुकी है।
कार्यक्रम में उप संचालक उद्यानिकी पूजा कश्यप साहू, उप संचालक कृषि मोनेश साहू एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के प्रधान कृषि वैज्ञानिक डॉ. गजेन्द्र चन्द्राकर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
