गणपति उत्सव 2025
गणपति उत्सव 2025
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गणपति उत्सव शुरू हुआ ,जब देश को चाहिए था स्वराज

अलख जगाने जन-जन को, तिलक ने किया था आगाज…

तब से हर बरस गजानन होते विराजमान है

पीड़ा हरते , प्रभु देते सबको वरदान हैं …

आते हैं जग में खुशियाँ लेकर, हर घर का ये त्योहार है

एकदंत कहो या लम्बोदर, इनकी महिमा अपरंपार है …

ढल जाते हैं , हर आकार में जिसको जैसा भाता है

भोले भाले हैं , हमारे गणपति हर वर्ग से इनका नाता है…

भर जाता है, भरपूर ऊर्जा से शहर – गांव का हर एरिया

जयघोष होता है , चहुंओर जब गणपति बप्पा मोरिया …

गाजे – बाजे संग होता है, विसर्जन नदिया हो या तरिया

ब्रम्हांड में गूंजता है, एक ही स्वर गणपति बप्पा मोरिया …

श्रद्धावत

सुरेश श्रीवास, सृष्टि ब्लॉक्स, अवंति विहार रायपुर

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