रायपुर 6 सितंबर 2025 / ETrendingIndia / Indian mountaineer Kabak Yano achieved another milestone by successfully climbing Mount Elbrus, the highest peak of Russia and Europe. His aim is to hoist the tricolour on the highest peaks of all seven continents. Governor congratulated him / कबाक यानो माउंट एल्ब्रुस , भारतीय पर्वतारोही कबाक यानो ने रूस और यूरोप की सबसे ऊँची चोटी माउंट एल्ब्रुस (Mount Elbrus, 5,642 मीटर ऊँचाई) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर एक और उपलब्धि अपने नाम की है।

माउंट एल्ब्रुस यूरोप महाद्वीप की सर्वोच्च चोटी मानी जाती है और इसे दुनिया की प्रसिद्ध ‘सात शिखरों’ (Seven Summits) में गिना जाता है।
जॉर्जियाई सीमा के पास दक्षिण-पश्चिमी रूस के काकेशस पर्वतों में स्थित माउंट एल्ब्रस, समुद्र तल से 18,510 फीट की ऊँचाई पर स्थित एक सुप्त स्ट्रैटोज्वालामुखी है।
यह यूरोप की सबसे ऊँची चोटी, यूरेशिया का सबसे ऊँचा ज्वालामुखी है और दुनिया की दस सबसे प्रमुख चोटियों में से एक है।
यहाँ का मौसम बेहद कठिन और अप्रत्याशित माना जाता है, जिससे पर्वतारोहण अभियान चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
कबाक यानो के इस अभियान में कठोर ठंड, बर्फ़ीली आँधियों और ऑक्सीजन की कमी जैसी कई कठिनाइयाँ सामने आईं, लेकिन उन्होंने साहस और तैयारी के बल पर सफलता हासिल की।
इससे पहले, 4 अगस्त को 26 वर्षीय यानो ने अफ्रीका की सबसे ऊँची चोटी और सात शिखरों में शामिल माउंट किलिमंजारो (5,895 मीटर) पर भी चढ़ाई की थी।
अब माउंट एल्ब्रुस की चढ़ाई के साथ उन्होंने अपने पर्वतारोहण करियर में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है।
अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल, लेफ्टिनेंट जनरल के.टी. परनायक (सेवानिवृत्त) ने पर्वतारोही सुश्री कबक यानो को इस उपलब्धि पर बधाई दी है।
राज्यपाल ने इससे पहले अरुणाचली पर्वतारोही को सात शिखरों की चुनौती के लिए हरी झंडी दिखाई थी उन्होंने उसके दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास पर बहुत गर्व व्यक्त किया है।
माउंट एल्ब्रस पर चढ़ना सेवन समिट्स चैलेंज के महत्वपूर्ण पड़ावों में से एक माना जाता है, जिसमें प्रत्येक महाद्वीप के सबसे ऊँचे पर्वत पर चढ़ना शामिल है।
कबाक यानो का लक्ष्य सातों महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटियों पर तिरंगा फहराना है।