रायपुर, 26 अक्टूबर 2025 / ETrendingIndia / Electricity brought a change to the village – Ramdev, a member of the Pando tribe, achieved 86% and became an example of struggle and success/ पंडो जनजाति छात्र सफलता , छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के जामपानी गांव के पंडो जनजाति के छात्र रामदेव पंडो ने यह साबित कर दिया है कि जब मेहनत के साथ रोशनी का साथ मिले, तो कोई सपना अधूरा नहीं रहता।
शिक्षा सत्र 2024–25 की दसवीं बोर्ड परीक्षा में 86 प्रतिशत अंक हासिल कर उन्होंने न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे समाज को गर्व से भर दिया है।
रामदेव के पिता बुधराम पंडो किसान हैं और माता श्रीमती रामबाई पंडो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता। सीमित साधनों के बावजूद परिवार ने बेटे की पढ़ाई को प्राथमिकता दी। उनके बड़े भाई रडजीत पंडो बताते हैं कि “हमारे समाज से इतने अच्छे अंक पाने वाले रामदेव शायद पहले छात्र हैं।”
रामदेव कहते हैं, “पहले भाई लालटेन की रोशनी में पढ़ते थे, पर मुझे बिजली की सुविधा मिली — इससे पढ़ाई बहुत आसान हो गई।”
यह बात केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि उस परिवर्तन की कहानी है जो छत्तीसगढ़ के दूरस्थ इलाकों में बिजली पहुँचने के बाद देखने को मिल रही है।
बिजली ने न केवल गाँवों को रोशन किया, बल्कि बच्चों के सपनों में भी उजाला भरा है। पहले जहाँ रात का अंधेरा शिक्षा की राह में बाधा था, अब वही रातें पढ़ाई और प्रगति की साथी बन गई हैं।
वर्तमान में रामदेव स्वामी आत्मानंद स्कूल, खरवत चौक में विज्ञान विषय लेकर कक्षा 11वीं में अध्ययनरत हैं। उनका सपना है — डॉक्टर बनकर अपने समाज और क्षेत्र की सेवा करना। बिजली की इस रोशनी ने सचमुच उनके भविष्य को नई दिशा दे दी है।
