प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
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रायपुर, 28 अगस्त 2025 / ETrendingIndia / Pradhan Mantri Road: Thousands of people of three villages are getting benefited, movement has become easier / प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना , प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बिलासपुर जिले के बिल्हा ब्लॉक में बहतराई से परसाही व्हाया बिजौर तक 6.4 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण 1 करोड़ 79 लाख रुपए की लागत से हुआ है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना , इस सड़क ने क्षेत्र के ग्रामीणों को जर्जर सड़क की समस्या से मुक्ति दिला दी है। सड़क निर्माण से तीन गांवों के हजारों लोग लाभान्वित हो रहे हैं।

स्थानीय लोगों ने इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार जताया है।

ग्रामीणों ने बताया कि पहले यह सड़क पूरी तरह गड्ढों से भरी और उखड़ी हुई थी। वर्ष 2023 में सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत हुआ, अच्छी गुणवत्ता और लगातार मेंटेनेंस के कारण सड़क अच्छी स्थिति में है।

पहले बारिश के दिनों में कीचड़ और पानी भरने से मार्ग और भी दुर्गम हो जाता था। स्कूल जाने वाले बच्चों, बीमार लोगों और शहर में कामकाज के लिए जाने वाले ग्रामीणों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता था।

किसान सहदेव कौशिक ने बताया पहले खराब रास्ते के कारण ट्रॉली और वाहन फँस जाते थे, जिससे समय और पैसा दोनों का नुकसान होता था। अब सीधा शहर से जुड़ाव हो गया है।

छात्र युग भार्गव का कहना है कि अब उन्हें विद्यालय आने-जाने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता और दुर्घटनाओं का खतरा भी कम हो गया है।

ग्रामीण विकास की जीवनरेखा

गाँव के बुजुर्गों का कहना है कि यह सड़क उनके लिए “जीवन रेखा”की तरह है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से सड़क बन जाने से बहतराई, परसाही और बिजौर क्षेत्र के ग्रामीणों के चेहरों पर खुशी झलक रही है।

भारत सरकार ने योजना की शुरुआत की थी। तत्कालीन

प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ग्रामीण इलाकों को सड़कों से जोड़ने का सपना देखा था। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क
योजना का मुख्य उद्देश्य 500 या उससे अधिक आबादी वाले गाँवों (पहाड़ी और रेगिस्तानी क्षेत्रों में 250 आबादी वाले गाँव) को हर मौसम में उपयोगी सड़कों से जोड़ना है।

इसके तहत सड़कों का न सिर्फ निर्माण किया जाता है, बल्कि उनकी देखरेख और रख-रखाव की भी जिम्मेदारी तय की जाती है ताकि ग्रामीणों को लंबे समय तक सुविधा मिल सके।