ETrendingIndia रायपुर/ भारत में जल्द ही सहकारी टैक्सी सेवा शुरू होने जा रही है, जिसका उद्देश्य टैक्सी चालकों को अधिक लाभ देना और उनकी कार्य परिस्थितियों को सुधारना है। इस योजना के तहत, दोपहिया वाहन, टैक्सी, रिक्शा और चौपहिया वाहनों का पंजीकरण संभव होगा और इसका लाभ सीधे टैक्सी चालकों को मिलेगा। इस सेवा का प्रबंधन एक सहकारी समिति द्वारा किया जाएगा, जिससे अधिकतम लाभ टैक्सी चालकों के बीच समान रूप से वितरित होगा।

लोकसभा में त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी विधेयक, 2025 पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने घोषणा की कि कुछ महीनों में एक बहुत बड़ी सहकारी टैक्सी सेवा शुरू की जाएगी। यह पहल सहकार से समृद्धि के सिद्धांत पर आधारित होगी, जिसमें लोकतांत्रिक प्रबंधन को प्राथमिकता दी जाएगी। इससे टैक्सी चालकों की आय में वृद्धि होगी और उनकी जीवनशैली में सुधार आएगा।

सहकारिता मॉडल का उद्देश्य आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना और समान अवसर प्रदान करना है। भारत में 8 लाख से अधिक सहकारी संस्थाएँ विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं, जो 30 करोड़ से अधिक सदस्यों को सेवाएँ प्रदान कर रही हैं। यह मॉडल विशेष रूप से कृषि, डेयरी, बैंकिंग और श्रम क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर चुका है।

सरकार की इस पहल से टैक्सी चालकों की आय में वृद्धि, कार्य परिस्थितियों में सुधार और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा मिलने की उम्मीद है। यह योजना अमूल जैसे अन्य सफल सहकारी मॉडलों की तरह एक समावेशी और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी।