UPI पर एमडीआर शुल्क
UPI पर एमडीआर शुल्क

ETrendingIndia / वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि UPI पर एमडीआर शुल्क लगाने की खबरें पूरी तरह गलत, बेबुनियाद और भ्रामक हैं।

सरकार का कहना है कि इस तरह की अफवाहें नागरिकों में अनावश्यक डर और भ्रम फैलाती हैं।

कुछ ऑनलाइन मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सरकार बड़े UPI लेनदेन पर एमडीआर शुल्क लगाने वाली है।

इस पर जवाब देते हुए मंत्रालय ने कहा कि डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता है,

और एमडीआर शुल्क लगाने की कोई योजना नहीं है।

2020 में सरकार ने कार्ड भुगतान पर एमडीआर शुल्क को हटा दिया था ताकि देश में डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहन मिले।

एमडीआर वह शुल्क है जो बैंक व्यापारियों से रियल टाइम भुगतान प्रोसेसिंग के लिए वसूलते हैं।

इसके साथ ही, यूपीआई ने मई महीने में 18.68 अरब लेनदेन किए,

जिनकी कुल राशि 25.14 लाख करोड़ रुपये रही। यह पिछले वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत की वृद्धि है।

इस सफलता ने भारत को वैश्विक रियल-टाइम भुगतान में 48.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अग्रणी बना दिया है।

UPI एमडीआर शुल्क की अफवाहों को सिरे से खारिज कर सरकार ने फिर से अपना डिजिटल विज़न दोहराया है।