ETrendingindia भारत सरकार द्वारा डीपफेक से निपटने के कदम लगातार मज़बूत किए जा रहे हैं, जिससे डिजिटल स्पेस को अधिक सुरक्षित और जिम्मेदार बनाया जा सके। साइबर सुरक्षा की दिशा में सरकार का लक्ष्य एक ऐसा साइबरस्पेस बनाना है जो उपयोगकर्ताओं के लिए विश्वसनीय हो।
आईटी अधिनियम, 2000 और सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के तहत डीपफेक और अन्य डिजिटल अपराधों को रोकने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश बनाए गए हैं। इन नियमों के अंतर्गत, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और डिजिटल माध्यमों पर किसी भी गैरकानूनी जानकारी को होस्ट करने या प्रसारित करने पर रोक है। साथ ही, मध्यस्थों को ऐसे कंटेंट को हटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसके अलावा, भारत सरकार ने CERT-IN (भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल) के माध्यम से भी कई तकनीकी उपाय अपनाए हैं। CERT-IN नियमित रूप से एआई आधारित खतरों के बारे में अलर्ट जारी करता है और डीपफेक से बचाव के उपाय साझा करता है। इससे नागरिकों और संगठनों को साइबर खतरों से जागरूक किया जाता है।
सरकार ने साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) और टोल-फ्री हेल्पलाइन ‘1930’ जैसी सेवाएं शुरू की हैं ताकि लोग डिजिटल धोखाधड़ी की रिपोर्ट कर सकें।
भारत सरकार द्वारा डीपफेक से निपटने के कदम आने वाले समय में और भी सख्त होंगे, जिससे भारत का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित और मजबूत बन सकेगा।