रायपुर / ETrendingIndia / ” भारत में भीषण गर्मी ” , देश के मौसम विभाग ने अगले सप्ताह देश के उत्तर और पश्चिम क्षेत्रों में गर्मी के भीषण प्रकोप की चेतावनी दी और बताया है कि दक्षिण, पश्चिम और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में मानसून की गतिविधि जारी रहेगी।
🔥 भारत में भीषण गर्मी उत्तरी और पश्चिमी भारत में अत्यधिक तापमान और लू
दिल्ली–हरियाणा–पंजाब–राजस्थान–उत्तर प्रदेश: अगले सप्ताह इन क्षेत्रों में भीषण गर्मी का अनुमान है, तापमान 40-44 °C तक पहुंच जाएगा।
9 जून को दिल्ली में रिकार्ड 42.1 °C दर्ज हुआ, जिससे जून की यह सबसे बड़ी गर्मी बनी ।
IMD ने स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी जारी की है – 11 जून तक राहत की संभावना नहीं ।
गर्मी की तुलना 3–4 °C बढ़ने की सम्भावना भी है, और उत्तर-पश्चिम भारत में मौसम में गिरावट केवल 12–18 जून के बीच होगी ।
🌧️ दक्षिण-पश्चिम और पूर्वोत्तर में मानसूनी गतिविधियाँ
महाराष्ट्र (पुणे, कोकण, मध्य महाराष्ट्र): पुणे संभाग में यलो अलर्ट जारी – हल्की से मध्यम बारिश व गरज–चमक की चेतावनी दी गई है,
वहीं कोकण व मराठवाड़ा में कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना ।
केरल : चार दिन के ब्रेक के बाद यलो अलर्ट, फिर बिखरी बारिश जारी रहने का अनुमान ।
तमिलनाडु (चेन्नई): अगले सप्ताह गरज–चमक के साथ हल्के से मध्यम वर्षा की चेतावनी,
शुरुआत 9 जून से ठंडी व नमीयुक्त मौसम वापसी के संकेतों के साथ ।
आंध्र–तेलंगाना–तमिलनाडु (दक्षिण): 10 जून से तेज बारिश संभव; कर्नाटक व केरल में 13 जून के बाद भारी बारिश की आशंका ।
पूर्वोत्तर (असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश): 10–14 जून के दौरान बिंदुवार भारी वर्षा,
इलेक्ट्रिक तूफ़ान व तेज हवाओं का योग ।
🌤️ मध्य भारत (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ )
मौसमी पूर्वानुमान: अगले 2–3 दिन तक अधिकतम तापमान लगभग स्थिर रहेगा;
फिर 12–14 जून के आसपास 2–3 °C की गिरावट आ सकती है ।
विदर्भ में 12 जून तक मॉनसून “pause” के बाद गिरावट, पर सर्पकृत (sporadic) बारिश की संभावना ।
🌦️ दक्षिण-पश्चिम शहरों का हाल
📌 सलाह और सतर्कता
उत्तरी–पश्चिमी भारत में हुजूरी के समय घर से बाहर न जाएं, पर्याप्त पानी पियें, बुजुर्गों व बच्चों का खास ख्याल रखें।
बारिश वाले क्षेत्र (वी.पश्चिम, दक्षिण, पूर्वोत्तर) में गरज और गरिष्ट मौसम की तैयारी रखें; सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।
फसलों और स्वास्थ्य सुनिश्चितता हेतु किसानों व ग्रामीण हिस्सों में नमी/गर्मी–बारिश के प्रभाव पर विशेष सतर्कता बरतें।