रायपुर/ ETrendingIndia / नमो ड्रोन दीदी योजना ,मध्यप्रदेश के आगर-मालवा जिले के ग्राम थड़ौदा की रीना चंदेल “नमो ड्रोन दीदी योजना” से जुड़कर एक प्रेरक मिसाल बन चुकी हैं।
ड्रोन तकनीक से सटीक, संतुलित और कम समय में छिड़काव संभव हुआ है,
जिससे किसानों को भी फायदा हो रहा है।
लेकिन इससे भी बड़ी बात है कि कृषि की यह तकनीक अब महिलाओं को रोजगार के नए अवसर दे रहा हैं।
रीना चंदेल ने इंदौर और भोपाल में ड्रोन संचालन का निशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर
नैनो यूरिया और पेस्टिसाइड का छिड़काव कार्य शुरू किया।
प्रति हेक्टेयर मिलने वाले भुगतान से एक कृषि सीजन में ही वे 40 हजार से अधिक की आय अर्जित कर रही हैं,
जो सालभर में एक लाख रुपए तक पहुँच जाती है।
रीना अब सिर्फ एक ड्रोन पायलट नहीं, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुकी हैं।
भारत सरकार की योजना के तहत उन्हें निःशुल्क प्रशिक्षण और ड्रोन भी प्राप्त हुआ,
जिससे उनका आत्मविश्वास और आर्थिक स्थिति दोनों मजबूत हुई।
निधा दीदी: खेतों में उड़ते सपनों की मिसाल
इसी तरह ग्वालियर की निधा अख्तर ने ड्रोन तकनीक के जरिए महिला सशक्तिकरण की एक नई मिसाल कायम की है।
मोहना क्षेत्र के 325 किसानों के 2250 एकड़ खेतों में नैनो उर्वरक छिड़काव कर
वे अब तक लगभग साढ़े तीन लाख रुपए की आय कमा चुकी हैं।
सरकार द्वारा संचालित इस योजना के तहत उन्हें निःशुल्क प्रशिक्षण,
ड्रोन, इलेक्ट्रिक गाड़ी और जनरेटर मिला।
नागर विमानन मंत्रालय से ड्रोन पायलट लाइसेंस मिलने के बाद उन्होंने अपने कार्य क्षेत्र में नई पहचान बनाई।
अमेरिकी काउंसिल जनरल माइक हैंकी ने भी उनकी सराहना की।
निधा का मानना है कि सरकार द्वारा दिए गए सही अवसरों से महिलाएं भी समाज में निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं।